याद शक्ति कमजोर होना -मानसिक आरोग्य
Remember power weak - mental health
सामान्यत: कई लोगो में यह शिकायत देखने मिलती है कि मेरी याददास्त बहुत ही कमजोर हो गई है, बढती जाती आयु में यानि कि बूढापे में याददास्त कम होना यह ज्यादा सामान्य बात बन गई है। एक खास प्रकारका रोग डीमेन्शीया जो बुढापे में होता है। उसका मुख्य लक्षण यादशकित कमजोर पडना वही है।Remember power weak - mental health |
क्रियाओमें से रस उठ जाना, आवाज की शोर प्रति नफरत रहना, कुछ पसंद न आना, बैचैनी या चिडियापन (रहना), भूख कम लगना, सिर पर बोज लगना, कहाँ भी जाने की ईच्छा न होना विगेरह कम या ज्यादा प्रमाणमें देखनेको मिलता है।
दूसरे प्रकारकी यादशक्ति कमजोर होने की शिकायत डीमेन्शीयामें देखने मिलती है यह रोग सामान्यतः बुठापेमें यानि कि 50 से 60 वर्ष बाद होता है। व्यक्ति में अंतिम 6 से 12 महिने में आहिस्ते आहिस्ते याददास्त कमजोर होने की शिकायत होती है।
याददास्त उपरांत इस रोग में छोटी छोटी क्रियाओ के कार्यो पूर्ण करने में भी मुसीबत पडती है। कई बार दष्टि और दूसरी संवेदनाओ सामान्य होते हुए भी कई वस्तुए पहचाननेमें गलती होती है। कईबार बोलने, लिखने और पढनेमे भी गलती होना वगेरह चिह्न ज्यादा प्रमाणमें देखने मिलते है। कईबार दफतर के, घर के हररोजके कार्योमें भी निपुणता जो पहेले होती है वैसी नही रहती।
ये सभी लक्षणो के कारण दर्दी परेशान हो जाता है और वह बात बात में अकुलाकर क्रोधित हो जाता है। धीरेधीरे उसका व्यकित्व भी बदला जाता है और वह पत, चीडीयल और अस्तव्यस्त हो जाता है। इसके कारण दर्दी का शारीरिक, आर्थिक और व्यवसायिक विकास रुक जाता है। यह रोग नाबूद नही होता लेकिन उसका इलाज करने से आगे बढ़ने से रोका जाता है . कई दवाईयों जैसे पेरिससियस होने पे झील मायेनटिन आदि यह रोग में बहुत असरकार है
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